job or bussines | dimag की बत्ती जलाओ💡
आज हम बात करेंगे दो ऐसे लड़को की जो अपनी अलग अलग सोच रखते थे व्यापार के बारे में ,कैसे दोनो अपनी ज़िंदगी मे आगे क्या करते है चलिए जानते है। ओर select करते है job or business में ।
दो लडके थे। एक का नाम विवेक था और दूसरे का नाम आकाश था। आकाश बनारस से था और विवेक चंपारण से था। दोनो ने एमबीए किया हुआ था। दोनो एक बड़ी सी मल्टी नेशनल कंपनी में पांच सालों से काम करते थे,पिछले तीन सालों से दोनों अपना खुद का व्यापार करना चाहते थे लेकिन हिम्मत नही जुटा पाते थे ,उनको लगता था कि कही पैसे दुब गए तो क्या होगा घर वालो को क्या मुह दिखाएंगे ,ऐसी अलग अलग वजोह से वो लोग व्यापार नही कर पाते थे।
फिर एक शाम को दोनों एक साथ अपनी घर की छत पर दारू पीने बैठे ओर तीन चार पैग लगा दिए दोनो ने , थोड़ी देर दोनो एक दूसरे को देखते रहे फिर आकाश बोला सुन विवेक चल ना हम ए नोकरी बोकरी छोड़ देते है खुद का कुछ करते है खुद के दम पे,मेरे पास सब प्लानिग भी है में तुजे सब बताता हूं अगर तू मान जाए तो,ए बात सुनकर टल्ली हुआ विवेक बोला,ठीक है बाता चल क्या प्लान है तेरा ओर फिर आकाश बाताता है।
आकाश बोलता है मेरे बनारस में काफी ज्यादा लोग घूमने आते है अपने देश के ओर विदेशी भी आते है ,तो हम वह पर अपनी चाय की दुकान खोलेंगे जहा पर हम सभी अलग अलग प्रकार की चाय लोगो को पिलायेंगे ओर मुनाफा कमाएंगे, चाय बनेगी पांच की ओर बेचेंगे पचास की दस गुना मुनाफा होगा तू खाली हा बोल सब प्लानिग है मेरे पास कैसे करना है क्या करना है और एक बनारस को पूरी तरह जानने वाला आदमी भी है जो अपने यहा ग्राहकों को लाएगा,फिर आकाश ने कहा कि कल ही हम इस्तीफा दे देते है और अपने काम पर लग जाते है । दारू के नशे में विवेक ने आधा अधूरा सुने बिना ही हा बोल दी।
जब कल सुबह हुई तो आकाश ने अपने कहै मुताबिक इस्तीफा दे दिया और ए बात ऊसने विवेक को बताई ओर उसको पूछा कि तुमने दिया कि नही तो विवेक ने साफ मना कर दिया और बोला कि वो तो में कल नशे में था इसी लिए हा बोल दिया था,में ए नही कर पाऊंगा ओर लोग क्या कहेंगे कि के एमबीए किये हुए लड़के देखो क्या कर रहे है,मुझसे नही होगा मुजे माफ़ करो ओर विवेक वह से चला जाता है।
आकाश अपनी मायूस सी शक्ल लेके नदी के किनारे बैठ जाता है और चोचता है कि अब में क्या करूँ??
ओर तभी वहां पर एक चाय वाला चाय बेचने आता है और उसको चाय देता है तब आकाश उसको बोलता है कि आज तुम अकेले क्यो हो तब वो चाय वाला बोलता है कि जो मेरे साथ था उसको कोई दूसरा काम करना है तो मैने उसको बोला ठीक है जैसा तुमको ठीक लगे,ओर चाय वाला बोलता है कि साहब अगर
' किसी के भरोसे बैठे रहेंगे तो धंधा कैसे करेंगे '
बस यही बात आकाश के समझ मे आ गयी ओर दिमाग की बत्ती जल गई कि किसी के भरोसे से अच्छा तो में अकेले ही अपना व्यापार बनाऊ ओर फिर वो अकेले अपनी मंज़िल तक पहोचा ओर कामयाब भी हुआ।।।।
अगर आपको कोई व्यापार चालू करना है तो उसके बार मे फूल प्रूफ प्लान बनाइये और उस पर प्रतिक्रिया दीजिये किसी के भरोसे मत बैठे रहिये।
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