personalities by bhagwad geeta
आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले है मनुष्य की अलग अलग personality or quality की जो बताया गया है bhagwad geeta में। इससे मनुष्य अपनी personality development कर सकता है। तो आइए जानते है वो 3 types of personality।
1) सात्विक
2) राजस
3) तामस
अब हम विस्तार से जानेगे इन 3 personality के बारे में
1) सात्विक :
इस personality वाले लोग में कुछ खास प्रकार के गुण होते है जैसी की धीरज,शांति,माफी,संतोष ओर सबसे खास विनम्रता ऐसे गुणों वाले लोगो को सात्विक लोग या सात्विक गन वाला व्यक्ति कहा जाता है। ऐसे लोगो को गीता में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है और इस गुणों को अनुसरन करने की सलाह दी गयी है।
इस गुन वाला व्यक्ति जो होता है वो भगवान को ही सब कर्ताधर्तामैन कर कर्म कारता है और result में अपने आपको बांधता नही है,परिणाम जो भी हो वो एकदम शांत और विनम्रतापूर्वक ही बर्ताव कारता है। ये लोग जो भी कार्य करते है उसमें फल की चिंता नही करते है।
2) राजस :
इस personality वाले लोग सबसे ज्यादा दुनिया मे होते है, जो व्यक्ति में धीरज कम होता है ज्यादा चिंता करता है कोई भी कार्य कर्म से पहले फल की कामना करता है ओर जिसमे घमंड होता है या फिर तेरा मेरा का भाव होता है ऐसे गुण वाले लोग राजस गन वाले लोग कहे जाते है।
ऐसे गीता में मध्यम गुनी या मध्यम गन वाला इंसान कहा गया है। इस गन वाला व्यक्ति अगर चले तो जीवन मे थोड़ा बदलाव लेक सात्विक इंसान बन सकता है। ए गुन मनुष्य में सहज है।
3) तामस :
इस personality या quality में वो लोग आते है जन्मे सबसे ज्यादा काम ,सबसे ज्यादा क्रोध और सबसे ज्यादा वासना होती है। आम तौर पर इसे राक्षसी गुन वाला इंसान कहा जाता है जो सबसे अधिक क्रोधित सबसे अधिक वासना से भरा हुआ और सबसे ज्यादा आलसी होता है।
इस गुन वाले लोगो को गीता में सबसे निम्न कक्षा का कहा गया है।ए लोग कभी भी जीवन मरण के चक्र में से बाहर नही निकल सकते इन लोगो को लगता है जो है हम ही है।
तो इस post में हमने जाना कि आदमी की तीन quality होती है और हर कोई उसमे बदलाव करके अपने जीवन मे बहोत से बदलाव ला सकता है ।
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