hanuman chalicha ka महत्व | kyu bolni chahiye hanuman chalicha
hanumanaji हिन्दू धर्म के बहोत बड़े देवता माने जाते हैै ओर hanuman chalicha उनकी स्तुति का भाग है,hamunamji का पूरा वर्णन रामायण में सटीक तरीके से दिया गया है।कहा जाता है कि हनुमानजी एक वानर थे,कही लोग का ये भी कहना है कि hanumanji साक्षात महादेव के अवतार है।पूरी रामायण में हनुमानजी के कई किस्से बताये गए है।कैसे उन्होंने लंका जलाई ,कैसे वो लक्षमणजी के लिए जड़ीबूटी लाये ऐसे कही तरह के किस्से रामायण में है।
कहा जाता है अगर कोई सच्चे मन से हनुमानजी की आराधना करता है तो hanumanji उस व्यक्ति का काम अवश्य करते है,इसी आरधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है हनुमान चालिसा। जिसे संत तुलसीदास ने लिखा है,इसमे हनुमान जा का वर्णन स्पष्ट रूप से किया गया है साथ ही में इसमे भगवान श्री राम का वर्णन किया गया है। ए एक काव्यात्मक कृति है जिसे 40 छंद में सरल तरीके से वर्णन किया गया है इसीलिए इसको चलिचा कहा जाता है।
हिन्दू धर्म मे हर कोई व्यक्ति हनुमान चलिचा के बारे में जनता होगा और ज्यातर लोगो को ए पूरी चलीचा दिमाग मे ही होती है।हनुमान जी को वीरता का प्रतीक रूप मन गया है और भूत प्रेत के विनाशक भी माना गया है।उत्तर भारत मे के सबसे ज्यादा लोक प्रिय चलीचा है।माना जाता है कि हनुमानजी एक अमर देवता है जो अभी भी इस पृथ्वी पर रामायण काल से जिंदा है।
हनुमान चालीचा का निरंतर जप करने से भय से मुक्ति मिलती है और हिम्मत बढ़ती है,ये मेरा खुद का अनुभव है क्योली जब में छोटा था तब में अंधेरे से ओर ऐसी अकेली जगहों पर जाने से बहोत डरता था फिर एक दिन मुजे किसी ने कहा कि तुम रोज रात को सोते समय हनुमान चलीचा बोलते जाओ फिर में रोज रात को सोने से पहले हनुमान चलिचा बोलता था और आज भी बोलता हूं ।और तबसे मेरा पूरा डर धीरे धीरे जाने लगा और बाद में पूरा चला गया।
हनुमान चलीचा के सब पदों का एकाग्रता से विचार करने से मन मे निडरता ओर भक्ती भाव जागृत होता है।इसमें आगे दोहे बताये गए है फिर चोपाई है और फिर last में एक दोहा है। हनुमान चालीचा को अवधि भाषा मे लिखा गया था तुलसीदास के द्वारा।
कहा ये भी जाता है कि इसकी रचना तुलसीदास ने कारावास में की थी,ओर तुलसीदास को वहां अकबर ने बंदी बनाया था।
hanuman chalicha एक ऐसी चलिच है जो हर एक वयक्ति को अपना बेस्ट देने मव मदद कर सकती है बस शर्त सिर्फ इतनी है कि उसे अपने मन मे पूर्ण विस्वास रखना होगा। इस चलिच मे स्पष्ट रूप से लिखा ही गया है जो मुजे मन से ध्यान धरेगा उसका काम अवश्य हनुमानजी करेंगे।
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