kya rebirth hota hai | पुर्नजन्म होता है?

kya rebirth hota hai? agar hota he to kya apne karmo ke aadhar par hota hai?

agar किसीके यहां कोई बच्चे का जन्म होता है तो वो उनके मा बाप के कर्मो के हिसाब से होता है या जो बच्चा जन्म लिया है उसके कर्मो के हिसाब से उसको जन्म मिलता है or kya wo rebirth hota hai ? तो आइए थोड़ी रोशनी डालते है इस मुद्दे या फिर कहे तो इस सवाल पर।

kya rebirth hota hai


इस दुनिया मे रोज करोड़ो लोग जन्म लेते है और करोड़ो लोग की मृत्यु भी होती है। हर इंसान जन्म लेता है पूरा जीवन कर्म करता है और इन्ही कर्मो के लेखों जोखो को मरते वक़्त साथ लेकर जाता है,कर्म का महत्व हर एक इंसान में सांस लेने जितना ही जरूरी बताया गया है।चाहे कोई इंसान कर्म पर विश्वास करे या न करे लेकिन वो जन्म से ही उसके साथ जुड़ा होता है।

हर कोई पूरा जीवन कोई न कोई गलतिया और अच्छे कामो के साथ बिताता है। वेसे lord kirshna ने कर्मो के बारे में विस्तार से बताया है कि कितने प्रकार के कर्म होते है और उसका क्या क्या महत्व है। लेकिन यहा पर सवाल ये है कि क्या कर्मो के हिसाब से पुनर्जन्म होता है और उसका जवाब है  बिल्कुल होता हैं।




जिस व्यक्ति ने जिस हिसाब से अपना जीवन बिताया है उसी हिसाब के आधार पर उसको अगला जन्म प्राप्त होता है चाहे वो संसारी आदमी हो या सन्यासी हो। यह पर सन्यास लेने से कोई मोक्ष को नही प्राप्त होता वो सरासर गलत बात है कोई भी इंसान संपूर्णता पूर्वक परमात्मा में लीन होता है उसका ही मोक्ष हो सकता है। फिर चाहे वो संसार मे रहता हो या सन्यासी हो वो मायने नही रखता,जो परम ज्ञान को हाशिल करता है वो ही असली सन्यासी कहलाता है।हालांकि मोक्ष की प्राप्ति के लिए सन्यास एक सरल मार्ग का काम कर सकता है।


अगर किसी के यह कोई बच्चा जन्म लेता है तो वो उस बच्चे का कर्म और उसके मा बाप के कर्मो को मिलाके ही उसकी जिंदगी तय होती है।जो जिसके योग्य होगा वो वही जन्म लेगा अर्थात उसका rebirth hoga ,गीता में भी कहा है अगर कोई अच्छे कर्मों ओर मेरी भक्ति में लीन हो कर मुत्यु पामता है तो उसको उसी हिसाब से अपने कर्मो के आधार पर अच्छे परिवार में फिर से जन्म मिलता है और अपने जीव का कल्याण वो उस जन्म में कर सकता है।

kya rebirth hota hai?


दोस्तो आपने कही बार अपने आस पास में ऐसे example देखे होंगे कि लगकर किसी ले साथ कुछ बुरा होता है तो लोग कहते है इसके साथ तो इस होना ही था ,ये इस काम करता था या वेसा काम करता था। और ये बात बिल्कुल सच भी है जो जैसा करेगा वो वेस ही पायेगा। ये एक gravity के नियम जैसा ही है ,जो ऊपर डालोगे वो ही आप पर गिरेगा चाहे वो कोई आपत्ति के रूप में हो या अपने बच्चे के रूप में ।

तो दोस्तो में आशा करता हु की आप मेरे मंतव्य को थोड़ा बहोत जान पाए होंगे और आप भी अपना मंतव्य कर्मा के बारे में हमे जरूर बताएं।

इस post में जो बाते बताई गई है वो मेरा खुद का point of view है अगर आपको इससे कोई आपत्ति है तो में माफी चाहता हु।


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