positive thinking kya hoti hai | क्या है सकारात्मक सोच
सबसे ज्यादा जो लोग हमेशा सोचते रहते है वो है कि life में ये नही हुआ तो ,वो नही हुआ तो मतलब की हमेशा हर कोई इंसान अच्छे से ज्यादा बुरा ही सोचता है कि इस हो गया या फिर वैसा हो गया तो में क्या करूँगा इत्यादि।
आज हम एक ऐसी कहानी सुनेंगे जिससे आप सिख पाएंगे कि life में positive thinking कितनी जरूरी है और कैसे हम life में positeve thinking ला सकते है और nagative thinking को दूर कर सकते है ,तो चलिये जानते है सकारात्मक सोच के बारे में।
एक 18 साल का लड़का था जो बहोत ही गरीब परिवार से था उसका घर मानो घर नही बल्कि एक जोपड ही था। वो जब भी अकेला होता तो बस एक ही बात सोच करता था कि में इस गरीबी को कैसे दूर करु,थक गया हूं में ऐसी ज़िन्दगी से मुजे जीवन मे आगे बढ़ना ही है किसी भी हाल में।ओर वो लड़का था भी दिमाग वाला हमेशा कोई भी तकलीफ आये तो वो सबसे पहले इसका solution ढूंढ़ता था।
ऐसे ही दिन गुजर रहे थे,एक बार उसके पापा ने उसे बुलाया और कहा कि बेटा ये लो एक चादर ओर बताओ कि इसकी क़ीमत क्या होगी,लड़का सोच में पड़ गया और कुछ समय सोचने के बाद वो लड़का बोला ,पिताजी इसकी कीमत 100 रुपिया होगी तो उसके पिताजी ने कहा कि के चादर लो और इसे 150 रुपये में बेच कर आओ।
लड़के ने थोड़ी देर सोचा ओर कहा ठीक है फिर उस लड़के ने उस चादर को थोड़ी देर देखा और सोचने लगा,फिर उसे एक idea आया उसने उस चादर को ठीक से धो दिया और बराबर नया जैसा करके वो बाज़ार गया ,पूरा दिन उसने वो चादर बेचने में लगा दिया और शाम होते होते उसे एक ग्राहक मिला जिसने वो चादर 120 रुपये में खरीदी। लड़का घर वापस आया और अपने पिताजी को कहा कि इसके तो 120 रुपये ही आये तब पिताजी ने कहा कोई बात नही 20 तो ज्यादा आये ।
फिर उसके पिताजी ने वेसी ही चादर अब उसे 500 रुपये में बेचने को कहा,लड़के ने कहा चलो के भी कोशिश कर लेता हूं । उसके बाद वो लड़के ने फिर से दिमाग लगाया और idea निकाला उसने उस चादर पर 50 रुपये देकर एक प्रिंट करवाई ओर फिर मार्किट में उसको बेचने गया वहा पर एक पैसे वाला आदमी आया और उसे वो प्रिंट बहोत पसंद आ गयी और उसने वो चादर 500 रुपये में खरीद ली। वो लड़का बहोत खुश था कि उसने वो चादर 500 रुपये में बेच दी। उसने फिर से अपने पिताजी को सब बताया और उसके पिताजी में उसे शाबाशी दी।
लड़के के पिताजी ने एक आखरी बार फिर एक चादर दी और कहा इसे तुम 1000 रुपिये में बेच कर आओ लड़के ने भी कहा ठीक है पर इस बार 1 हप्ते का टाइम लगेगा उसके पिताजी ने कहा ठीक है।
लड़का इसबार दुविधा में था कि अब में क्या करूँ की इस चादर के मुजे 1000 रुपिये कोई दे , इसी बीच वो गांव में एक कलाकार आने वाला था जिसका संगीत का program था तब लड़के को idea आया ,जब वो कलाकार आया तो उस लड़के ने बहोत ही मिन्नते करने के बाद उस कलाकार को कहा कि आप प्लीज् इस चादर को ओढ़कर अपना प्रोग्राम करीये ,बाद में ये चादर मुजे दे देना में आपका बहोत ही बड़ा fan हु बहोत कहने पर वो कलाकार मान गया और चादर ओढ़ कर उसने प्रोग्राम किया ।
फिर दूसरे दिन वो लड़का मार्किट में गया और कहा कि ये चादर इस कलाकार ने ओढ़ी थी पिछले program में ओर कुछ लोग ए जानते भी थे और वे उसकी बोली लगाने लगे धीरे धीरे वो बोली 5000 तक पहोच गयी और आखिर में उस लड़के ने वो चादर 6000 में बेच दी।
घर आकर सब बात उसने अपने पिताजी को बताई तब उसके पिताजी ने कहा की बेटा तुम अपने जीवन मे बहोत ही आगे बढ़ोगे।
इस कहानी का सार यही है कि अगर मन में सकारात्मक सोच हो तो कोई भी मुश्किल से मुश्किल काम आसानी से हो सकता है बस ज़रूरत होती है एक positive thinking की। सकारात्मक सोच से ही इंसान हर वो काम कर सकता है जो दूसरों को नामुमकिन लगते हो।
तो दोस्तो हमेशा सकारात्मक सोच अपनाइए।positive thinking ही अपने जीवन मे सबसे बड़ा हथियार है उसी के बदौलत आप नया खोज पाएंगे नया सोच पाएंगे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें